एक वक़्त आता है..
एक वक़्त आता है...!
एक वक़्त आता है,
जब अंदर ही अंदर सब चुप हो जाता है..
न कोई रूह बोलती है,
न तब दिल गुनगुनाता है,
चुप हो जाती है ज़मी,
आकाश खामोश हो जाता है,
एक वक़्त आता है,
जब अंदर ही अंदर सब चुप हो जाता है..
न कोई राह हँसती है,
न तब वक़्त मुस्कुराता है,
चुप हो जाती है घड़ी,
इंतज़ार खामोश हो जाता है,
एक वक़्त आता है,
जब अंदर ही अंदर सब चुप हो जाता है..
तब आँखे दूर नज़र जमाये दरसल कुछ नही देखती,
ये वो दौर होता है जब किसी के होने न होने का,
फर्क नही पड़ता पर असर दिख जाता है..
जब ख्याल दूर तलक जाए पर कुछ भी नही सोचती,
ये वो दौर होता है जब किसी के होने न होने का,
अर्थ नही होता है पर कसर दिख जाता है..
नस्ले आदम ही हैं सब, देवता कोई नही,
सबकी ज़िन्दगी में बुरा अच्छा सा ही सही..
एक वक़्त आता है,
जब अंदर ही अंदर सब चुप हो जाता है..
देवयशो
👤🕊🌾
बहुत खूब देव्।
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहिये
सादर धन्यवाद महेंद्र भैया! मेरे लिए यह आशीर्वचन और पुनर्वलन दोनों ही है☺🙏
Delete🙏🙏🙏🙏
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